रोसरा में दो युवा व्यापारियों की हत्या पुलिस को अपराधियों से मिल रही खुली चुनौती
ROSERA:
समस्तीपुर में अपराध का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। अपराधी बेखौफ होकर हत्या की घटना को अंजाम दे रहे हैं। उनमें पुलिस का डर नहीं दिखाई दे रहा है, अपराधी आराम से हत्या को अंजाम देकर फरार हो रहे हैं। समस्तीपुर जिले के रोसरा थाना क्षेत्र में बुधवार की देर शाम दो युवा व्यापारी भाइयों की हत्या ने पुलिस की नाकामी को उजागर कर दिया है। हत्या की जाने की आशंका की सूचना देने के बाद भी रोसरा पुलिस का हाथ पर हाथ रखे रहना उसकी नाकामी को दर्शाता है। रोसरा पुलिस की लापरवाही से दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ गई, वही अपराधियों के बढ़ते मनोबल से लोगों में भय तथा दहशत का माहौल है। मिली जानकारी के अनुसार रोसरा के पवड़ा गांव के निवासी सुमित चौधरी तथा अजीत चौधरी नंद चौक पर किराने की दुकान चलाते थे ।बुधवार की शाम वे अपने घर बाइक से लौट रहे थे इसी दरमियान पांचोपुर के पास अज्ञात अपराधियों ने दोनों भाइयों को गोली मारकर मौके से फरार हो गए। उनमें से एक भाई की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे भाई ने अनुमंडलीय अस्पताल रोसरा में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। दोहरे हत्याकांड से लोगों में पुलिस के प्रति जबरदस्त आक्रोश उत्पन्न हो गया। जिले के एसपी विनय तिवारी ने परिजनों से मिलकर ढांढस बढ़ाया।एसपी ने 7 दिनों के भीतर अपराधियों को पकड़ लिए जाने का परिजनों को आश्वासन दिया। बता दे की मुफलिसी में जीवन जीने वाले दोनों भाई ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर व्यापार में तरक्की की थी। उनके ऊपर डेढ़ साल पहले इसी स्थान पर अपराधियों ने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था जिसमें उन लोगों से₹6 लख रुपए लूट लिए गए थे। घटना के चार महीने बाद फिर एक बार अपराधी उनसे लूटपाट करने का असफल प्रयास किया।इस दरमियान अपराधियों ने उन लोगों पर गोली भी चलाई थी जिसमें वे बाल बाल बच गए थे। घटना के बाद दोनों भाइयों ने पुलिस से अपने जान माल के सुरक्षा की गुहार लगाई थी। जिसे अनसुना कर दिया गया। करीब 6 माह पूर्व उनके नंद चौक स्थित गोदाम में चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। जिसमें लाखों रुपए के सामान की चोरी कर ली गई ।चोरी की घटना के बाद दोनों भाइयों ने रोसरा पुलिस प्रशासन से एक बार फिर अपने जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। पुलिस प्रशासन से आश्वासन नहीं मिलने पर उन लोगों ने जिले के पुलिस कप्तान विनय तिवारी को भी लिखित में आवेदन दिया। हालांकि वे अपने साथ होने वाले घटना को रोकने में असफल रहे तथा अपराधियों की गोली का शिकार बनकर जान गवांनी पड़ी।पुलिस अगर समय रहते उनके आवेदन पर कार्रवाई करती तो शायद उनकी जान बच जाती।