ढोंगी बाबा के अंधविश्वास का मकड़जाल, बना जी का जंजाल
NEWDESK: देश में ढोंगी बाबाओं के अंधविश्वास का जहर इस कदर घुल चुका है कि भक्तों को अपने जान की भी परवाह नहीं रह गई है। भक्तों में कहीं तेल पानी को लेकर मारा मारी मची हुई है तो कहीं पर चरणो की धूल के लिए जान जा रही है। आखिर ऐसे ढोंगी बाबाओं की करतूत पर लगाम कैसे लगेगी। बाबा राम रहीम, बाबा रामपाल, करौली बाबा, राधे मां, वजिंदर सिंह, जाकिर नाइक, स्वामी नित्यानंद, आसाराम, सूरजपाल उर्फ भोले बाबा जैसे तथाकथित अनेकों बाबा हैं। बाबाओं ने अंधविश्वास का ऐसा जाल बनाया है, जिसमें भोले भाले लोग खासकर महिलाएं झांसे में आ रही है। इन बाबाओं के मायाजाल में फंसकर भक्त अपने बर्बादी की कहानी लिख रहे है। ढोंगी बाबाओं के आश्रम काली करतूतों का कब्रगाह बना रहता है। ये बाबा अपनी आभामंडल को ऐसे पेश करते हैंजैसे भगवान से उनका सीधा संवाद होता है। पाखंडी बाबाओं के मायाजाल का भंडाफोड़ नहीं होने की सारी जिम्मेवारी उनके द्वारा पले गए गुंडों पर होती है। बाबा के आश्रम के अंदरखाने में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी प्रशासन को भी नहीं मिल पाती है। बाबाओं के आश्रम में मीडिया कर्मी को प्रवेश नहीं करने दिया जाता है भक्तों को मोबाइल से विडीयो तक नहीं बनाने दिया जाता है। क्या छुपाने की साजिश होती है। आखिर तथाकथित बाबा इतने शक्तिशाली कैसे बन गए हैं। इनके संरक्षक बेनकाब क्यों नहीं होते हैं। अधिकतर बाबा को शुरुआती दौर में बढ़ावा मिल जाता है। जिसके बल पर भक्तों की संख्या लाखों में बढ़ती चली जाती है। इनका सबसे ज्यादा शिकार गरीबघर की महिलाएं होती है। महिलाओं को अपने सभी दुखों से निकलने का एकमात्र रास्ता बाबा के आशीर्वाद में दिखाई देता है। ये महिलाएं सरकार के कई योजनाओं में लाभुक होती है। फिर भी ये बाबाओं के फरेब में फंसकर अपनी जान तक गंवा देते हैं। बाबाओं के भक्तों में बड़े बड़े लोग भी होते हैं यही ऊंची पहुंच वाले भक्तों के दम पर बाबा अपना काला साम्राज्य बना लेते हैं। वहीं आसाराम, राम रहीम, रामपाल जैसे बाबाओं की काली करतूतें जब सामने आती है, तो उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ती है। फिलहाल बाबाओं का खेल देश में बदस्तूर जारी हैं। अब सवाल उठता है आखिर ऐसे तथाकथित ढोंगी बाबाओं पर लगाम कब लगेगी !