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सात समंदर पार कनिष्क नारायण ने लहराया परचम

NEWSDESK: ब्रिटेन के आम चुनाव मे लेबर पार्टी को 14 साल बाद ऐतिहासिक जीत मिली। एक तरफ भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजरवेटिव पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ भारतीय मूल के बिहार के मुजफ्फरपुर में जन्मे कनिष्क नारायण ने सफलता की नई कहानी गढ़ डाली। कनिष्क नारायण लेबर पार्टी के टिकट पर वेल्स से चुनाव में जीत हासिल किए हैं। उन्हें ब्रिटेन की संसद में सबसे कम उम्र का सांसद माना जा रहा है। कनिष्क नारायण 33 वर्ष की आयु में ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स मे अल्पसंख्यक सांसद बने हैं। उनकी जीत से मुजफ्फरपुर में जश्न का माहौल है।                                                                      कनिष्क नारायण के बड़े चाचा जयंत कुमार के अनुसार उनका जन्म मुजफ्फरपुर के के दामुचक मोहल्ला मे साल 1991 में हुआ। उनके दादा कृष्ण कुमार वैशाली के सौंधा गांव से आकर मुजफ्फरपुर के दामूचक में बस गए। दादा कृष्ण कुमार मुजफ्फरपुर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के चेयरमेन थे। कृष्ण कुमार ने मुजफ्फरपुर में एस के लॉ कॉलेज की स्थापना किए। कनिष्क की दादी वीणा देवी देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की पोती थी। कृष्ण कुमार को तीन पुत्र हुए। जिसमे सबसे छोटे बेटे संतोष कुमार ने एस के लॉ कॉलेज से पढ़ाई किए। उसी कॉलेज से लॉ ग्रेजुएट चेतना सिन्हा से उनका विवाह हुआ। मुजफ्फरपुर के सौँधा हाउस में कनिष्क नारायण का जन्म हुआ। कनिष्क नारायण की प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर के प्रभात तारा मे हुई। कनिष्क के माता पिता लॉ प्रैक्टिस के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली के एपीजे स्कूल साकेत से कनिष्क नारायण ने आगे की पढ़ाई की। कनिष्क के माता पिता साल 2003 मे वेल्स की राजधानी कार्डिफ चले गए। साल 2007 मे वे सभी वहीं बस गए। वहां उन्होंने चेतना सिन्हा सॉलिसिटर फर्म शुरू किए, जो आज काफी प्रतिष्ठित है।                                                                          इसी दौरान कनिष्क ने छात्रवृत्ति पाकर ईटन ऑक्सफोर्ड तथा अमेरिका के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से फिलासफी, इकोनॉमिक्स तथा बिजनेस की पढ़ाई पूरी किए।                        कनिष्क नारायण ने अमेरिका तथा ब्रिटेन में कई नौकरी किए। वहीं ब्रिटेन की सिविल सेवा परीक्षा पास कर सरकार मे प्रमुख पदों पर सेवा दिए। पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के आर्थिक सलाहकार के रूप में भी काम किए। कोरोना के समय कनिष्क नारायण ने एक अभियान चलाकर मानवीय सेवा का धर्म निभाएं।                                                          साल 2024 में नौकरी से इस्तीफा देकर पूरी तरह राजनीति में आ गए। लेबर पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली। कनिष्क नारायण वेल्स से लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। उनकी चचेरी बहन फिल्म अभिनेत्री श्रेया नारायण ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कनिष्क नारायण की जीत पर खुशी का इजहार किए। बता दे कि श्रेया नारायण ने बर्फी , रॉकस्टार जैसी फिल्मों में अभिनय किया है। कनिष्क के चाचा जयंत कुमार ने कहा कि उसने ना केवल बिहार बल्कि पूरे भारत को गौरवान्वित किया है।                                                                  वर्तमान परिदृश्य में कायस्थ अपने मूल स्थान से कटते जा रहे हैं। सरकारी नौकरी का क्रेज लगातार घटता जा रहा है। प्राइवेट नौकरी के लिए कायस्थ महानगर तथा विदेशाें मे जाकर बस रहे हैं। वही कायस्थ कूल के गौरव बिहारी लाल कनिष्क नारायण को उनकी सात समंदर पार मिली सफलता पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएं देता हूं।

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