सामूहिक विवाह का आयोजन, एक प्रगतिशील सोच वाले समाज का दर्पण
ROSERA : भारत में लोग उत्सवों में दिल खोल कर खर्च करते हैं। बात जब शादी विवाह की होती है तो फिर कहना ही क्या! वर पक्ष हो या वधू पक्ष कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। बड़े-बड़े महंगे मैरिज हॉल, खाने की लंबी मीनू के साथ-साथ गेस्ट की लंबी चौड़ी लिस्ट होती है। वही डिजाइनर कपड़े से लेकर सजावट ऐसी की हर कोई बस देखता ही रह जाए। देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी की बेटी की शादी में हजारों करोड़ खर्च कर दिए गए, वहीं देश में कई ऐसे मां-बाप भी हैं जिनके लिए बेटी की शादी करना बहुत बड़ी जिम्मेवारी होती है। जिसको पूरा करने में कर्ज के बोझ से दब से जाते हैं। ऐसी स्थिति में सामूहिक विवाह का आयोजन करवाना समाज में एक नई आशा का संचार करता है। समाज में हो रहे बदलाव की सकारात्मक सोच को प्रदर्शित करता है। कुछ ऐसा ही आयोजन समस्तीपुर के हसनपुर प्रखंड के औरा गांव में देखने को मिला है।।हसनपुर में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया, जिसमें 108 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया गया है। इन 108 कन्याओं में सभी का संबंध गरीब परिवार से था। हसनपुर के औरा गांव में श्री श्री 1008 महा विष्णु महायज्ञ का आयोजन करवाया गया था। महायज्ञ के यज्ञशाला में ही इन 108 कन्याओं का वैदिक मंत्र मंत्रोच्चार के बीच सारे विधि विधान के साथ विवाह को संपन्न कराया गया। सामूहिक विवाह के आयोजन की चर्चा चारों ओर है।लोग इस तरह के आयोजन की सराहना कर रहे हैं। श्री श्री 1008 विष्णु महायज्ञ आयोजन समिति के अध्यक्ष कुंदन सिंह कहते हैं, गरीब परिवार की कन्याओं का सामूहिक विवाह संपन्न कराया गया है। यज्ञ के साथ ही यज्ञ मंडप में सामूहिक विवाह का आयोजन पूरे बिहार में पहली बार हसनपुर के औरा गांव में हुआ है। वे कहते हैं सामूहिक विवाह का आयोजन आगे भी किया जाएगा। सामूहिक विवाह में शामिल वर वधु को अपनी नई जिंदगी शुरू करने के लिए₹100000 रुपए का उपहार भी प्रदान किया गया है। समाज में ऐसे आयोजन लगातार कराए जाने की आवश्यकता है सरकार के स्तर से भी सामूहिक विवाह को प्रोत्साहन दिया जा रहा है सामूहिक विवाह से अनावश्यक खर्चों से बचा जा सकता है वही एक ही मंडप में विवाह संपन्न होने से समाज में समरसता की भावना भी प्रबल होती है।