उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य कारण से इस्तीफा, मानसून सत्र में सभापति के इस्तीफे से चौंका देश।
NEWS DESK: देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से सोमवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को भेज दिया। उन्होंने अपनी इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारण को बताया है। राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले जगदीप धनखड़ की उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। संसद के चालू सत्र के बीच में उन्होंने अचानक से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति देश के उच्च सदन राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। राज्यसभा के सभापति के रूप में जगदीप धनकर अपने बेबाकी के लिए जाने जाते रहे हैं। तीन साल के कार्यकाल के दौरान कई बार अपने बयानों और व्यवहार को लेकर चर्चा में रहे
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एन जे ए सी को रद्द करने पर उन्होंने इसे भारतीय संसद की संप्रभुता और लोकतंत्र पर सीधा आघात कहा था। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान पर वरिष्ठ वकीलों तथा विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे न्यायपालिका के कार्य में दखल बताया। हालांकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनकर न्यायपालिका के ऊपर संसद की सर्वोच्चता की वकालत लगातार करते रहे। किसान आंदोलन के दौरान 2023 में जगदीप धनखड़ ने कहा कि जो लोग किसान आंदोलन के नाम पर सड़कों पर हैं,वह असली किसान नहीं है। उनके इस बयान की किसान संगठनों तथा खाप पंचायत ने आलोचना की। राज्यसभा के सभापति के रूप में विपक्षी दल के नेताओं से भी उनकी नोक झोक होती रहती थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के साथ उनकी तकरार काफी चर्चा में रहा था। उनके बयान से सरकार भी असहज स्थिति में आ जाती थी। राज्यसभा सभापति जगदीप धनकर ने दिसंबर 2022 में 34 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया था। उनका मानना था की विपक्ष लोकतंत्र का मजाक बना रहा है, अगर अनुशासन नहीं होगा तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। जगदीप धनखड़ की राज्यसभा सभापति के कार्य करने के तरीके से नाराज विपक्षी दलों ने उनको पद से हटाने के लिए महाभियोग का नोटिस तक दे दिया था। हालांकि विपक्ष की नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया। सोमवार को संसद के मानसून सत्र में सभापति के रूप में उन्होंने राज्यसभा का संचालन किया। अचानक से शाम में उन्होंने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति पद के चुनाव मेंमारग्रेट अल्वा को पराजित किया था। उन्हें कुल 725 मत में से 528 मत मिले थे जबकि मारग्रेट अल्वा को 182 मत प्राप्त हुआ था। 11 अगस्त 2022 को देश के 14वें उपराष्ट्रपति बनने वाले जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था। उन्होंने 2 वर्ष पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया।