त्रिकोणीय संघर्ष में फंसे वीरेंद्र कुमार की रोसरा में राह नहीं होगी आसान
NEWS DESK : रोसरा विधानसभा क्षेत्र में 6 नवंबर को मतदान होना है. भाजपा ने वर्तमान विधायक वीरेंद्र कुमार को दोबारा मैदान में उतारा है. महागठबंधन से कांग्रेस के बीके रवि चुनाव लड़ रहे हैं वही जन सुराज पार्टी ने रोहित कुमार पर दाँव लगाया है.इसके अलावा रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर अमित कुमार बैठा,निर्दलीय राजेश कुमार पासवान, देवेंद्र कुमार पासवान सहित छह उम्मीदवार हैं. जनता के मूड को देखा जाय तो रोसरा में जान सुराज ने संघर्ष को त्रिकोणीय बना दिया है. युवा मतदाताओं तथा पढ़े लिखे लोगों का साफ कहना है कि इस बार प्रशांत किशोर की पार्टी को ही अपना मत देंगे. जन सुराज के रोहित कुमार की लोकप्रियता भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. कांग्रेस उम्मीदवार बीके रवि की स्वच्छ छवि उनकी पहचान है. वहीं बाहरी उम्मीदवार का ठप्पा भी उनपर लगाया जा रहा है. बी के रवि कांग्रेस के स्थानीय जनाधारविहीन नेताओं के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करना चाह रहे हैं. राजद तथा सी पी आई के स्थानीय नेता तथा कार्यकर्ताओं ने जी जान लगा दिया तो शायद परिणाम कांग्रेस के पक्ष मे जा सकता है. भाजपा के वीरेंद्र कुमार की मुश्किलें धीरे धीरे कम होती दिख रही है. गुटबाजी मे घिरी पार्टी को अमित शाह की हुई जनसभा ने पाट दिया है. स्थानीय कार्यकर्ता जोर शोर से वीरेंद्र कुमार के पक्ष मे समर्थन मांग रहे हैं. सहनी वोटरों को अपनी ओर लाने के लिए भाजपा ने रोसड़ा मे जलशक्ति मंत्री डॉ राज भूषण चौधरी को भी प्रचार मे लगा दिया है. हालांकि वीरेंद्र कुमार से जनता की नाराजगी मतदान के दिन तक कितनी कम होगी, यह देखने वाली बात होगीउनके लिए अपना सीट बचा लेना आसान नहीं होगा.तांती ततवां वोटरों का एकमुश्त मत महागठबंधन उम्मीदवार को मिलने के आसार हैं. हालांकि अधिकांश महिला वोटरों का सीधा झुकाव नीतीश कुमार के साथ दिखाई दे रहा है, जो भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार के लिए शुभ संकेत है.वहीं कुल मिलाकर जन सुराज ने रोसड़ा विधानसभा मे मुकाबला को रोचक बना दिया है. सी एम नीतीश कुमार, जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर तथा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा के रोड शो मे उमरी भीड़ ने भी चुनावी घमासान को बढ़ा दिया है. चुनाव परिणाम किसके पक्ष मे जाएगा, इसका निर्णय जनता के हाथों मे है.
