BiharEducationNationalNews

खान सर का ये कैसा तिलिस्म , जिसमें आ गए राज्य के संवैधानिक प्रमुख

NEWS DESK: कोरोना काल ने शिक्षा में एक नई डिजिटल दुनिया को प्रवेश दिया।छात्र घर बैठे अपने मोबाइल लैपटॉप से दूर बैठे शिक्षक से पढ़ाई करने लगे। कोरोना तो चला गया लेकिन शिक्षा की डिजिटल दुनिया ने रफ्तार पकड़ लिया। इसी डिजिटल पढ़ाई के सिरमौर बनकर बिहार के पटना में उभरे खान सर। खान सर अपने पढ़ने के तरीके के कारण बहुत जल्द फेमस हो गए। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों में खान सर को पसंद किया जाने लगा। लुसेंट से तैयारी करने वाले बच्चे खान सर की ऐप से जुड़े। सस्ता होने के कारण भी कई छात्रों ने उनके ऐप सब्सक्राइब कर लिए ,जिससे उनकी फैन फॉलोइंग लाखों में चली गई। मोदी काल में भारत में व्यक्ति पूजा की प्रवृत्ति इतनी बढ़ गई इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।पटना वाले खान सर भी इससे अछूते नहीं रहे। लाखों छात्रों के आइडियल खान सर बन गए।खान सर के बारे में कुछ भी गलत सुनना छात्रों को नागवार गुजरने लगा। खान सर की तगड़ी फैन फॉलोइंग अच्छे-अच्छे नेता को भी सोचने पर मजबूर कर देती है। हालांकि खान सर की आलोचना भी होती रही।खान सर की भाषा को लेकर आलोचक सवाल उठाते हैं। बच्चों के बीच पढ़ाई के दौरान जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं , उसे एक पारंपरिक शिक्षक की परिभाषा से अलग कर देता है। छात्रों के बीपीएससी आंदोलन में भी खान सर की भूमिका को लेकर आलोचक सवाल उठाते हैं। आलोचनाओं के बावजूद खान सर की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। खान सर की लोकप्रियता ऐसी कि टीवी के डिबेट शो से लेकर कॉमेडी शो में बुलाए जाने लगे।उनके तिलिस्म का दायरा बढ़ता ही जा रहा है । आम से लेकर खास हर कोई खान सर का मुरीद है।बिहार के संवैधानिक प्रमुख भी इससे अछूते नहीं रहे। महामहिम खान सर के कोचिंग संस्थान का दौरा किए। उनके इस दौरे को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। वही आलोचक इसको लेकर राज्यपाल की आलोचना भी कर रहे हैं। हालांकि संवैधानिक प्रमुख के एक निजी कोचिंग संस्थान का दौरा करने को गलत नहीं ठहराया जा सकता है। बिहार में शिक्षा की हालत गंभीर है।बिहार की बदहाली का आलम यह है कि कोई परीक्षा बिना पेपर लीक के नहीं हो पा रही है। कॉलेज में शिक्षकों की कमी है। नियमित क्लास नहीं होने से छात्र कोचिंग के लिए ऑनलाइन क्लास का रुख कर रहे हैं। जिसका फायदा कोचिंग संचालक को हो रहा है। बिहार में शिक्षा में सुधार की आवश्यकता है, जिसपर महामहिम के नज़रे इनायत होने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *