रोसड़ा की मांगों को कौन सुनेगा किसे सुनाऊं……
NEWS DESK: रुसेरा घाट रेलवे स्टेशन पर कई युवा पिछले चार दिन से आमरण अनशन परहैं।जिनकी मांगों पर सुधि लेने वाला कोई नहीं है । समस्तीपुर की संसद ने जैसे रोसड़ा की उपेक्षा करने की ठान ली है। विधायक रोसड़ा की मांगों से कोसों दूर है वहीं एनडीए से जुड़े स्थानीय नेता भी ठसक में है।समस्तीपुर जिले का रोसड़ा अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। रोसड़ा के साथ हुई नाइंसाफी से जनता उद्वेलित है। ऐसा नहीं है की रोसरा के लोगों की बहुत बड़ी-बड़ी मांगे हैं। सहरसा से चलने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस सहित कई ऐसी एक्सप्रेस ट्रेन है जिनका ठहराव रुसेरा घाट स्टेशन पर नहीं दिया गया है आमरण आमरण अनशन करने वाले युवा इन ट्रेनों का रुसेरा घाट स्टेशन पर ठहराव की मांग कर रहे हैं। खगड़िया से रोसरा होते हुए पटना के लिए कोई एक्सप्रेस ट्रेन नहीं है आंदोलनकारी रेल मंत्री से एक ट्रेन देने की गुजारिश कर रहे हैं। रुसेरा घाट रेलवे स्टेशन से गांधी चौक तक की सड़क रेलवे के अधीन है। इस सड़क की स्थिति जर्जर है। इस सड़क के मरम्मत की भी मांग की जा रही है। रोसरा से बेगूसराय को जोड़ने वाली स्टेट हाईवे 55 पर स्थित 17 नंबर फाटक लोगों के लिए मुसीबत है।रेल फाटक बंद होने से लोगों के आवाजाही में परेशानी होती है। 17 नंबर फाटक पर आर ओ बी बनाए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
समस्तीपुर खगड़िया रेलखंड पर रुसेरा घाट सर्वाधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है।फिर भी इसकी उपेक्षा की जा रही है। रोसड़ा के लोगों की मांगों को अनसुनी की जा रही है। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक मौन है। विधायक, सांसद युवा जन आंदोलन की धमक सुनने को तैयार नहीं है। रोसड़ा के जनता की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। अब एक ही सवाल हर एक रोसड़ावासी के मन में कौंध रहा है की अपनी मांगों को किसे सुनाऊं कौन सुनेगा…….