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चुनावी बिसात पर विचारधारा का दांव, क्या लाएगा भविष्य में बदलाव।

NEWS DESK: चुनावी मौसम में नेताओं का पुराने राजनीतिक पार्टियों को छोड़ना और नए को पकड़ना फितरत में है। विचारधारा भी राजनीति की बिसात पर चली जाने वाली एक चाल भर रह गई है। राजनीतिक फायदे के लिए वर्षों पुरानी निष्ठा भी धराशाई हो रही है। मिथिलांचल क्षेत्र में कांग्रेस के दलित चेहरा रहे डॉक्टर अशोक कुमार इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा में हैं। कांग्रेस के पुराने नेता बालेश्वर राम के बेटे डॉ अशोक कुमार रविवार को जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए ।डॉक्टर अशोक कुमार ने कांग्रेस से वर्षों पुराना नाता तोड़ दिया और जदयू का दामन थाम लिया। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे डॉ अशोक कुमार छह बार विधायक बने। डॉ जगन्नाथ मिश्रा तथा रावड़ी देवी की कैबिनेट में मंत्री रहे।बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता पद पर भी रह चुके हैं। वही डॉक्टर अशोक कुमार के पिता बालेश्वर राम पहले विधानसभा से लगातार छह बार विधायक और मंत्री रहे। 1980 में रोसड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद बने और इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री बनाए गए। कांग्रेसी विचारधारा वाले परिवार से आने वाले डॉक्टर अशोक कुमार की सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी से नजदीकी जग जाहिर थी। ऐसे में उनका कांग्रेस से मोह भंग होने की पटकथा 2021 के कुशेश्वर स्थान विधानसभा उपचुनाव में ही शुरू हो गई। उनके बेटे अतिरिक्त कुमार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में बुरी तरह पराजित हुए।अतिरिक्त कुमार लगभग 5000 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे। बेटे की राजनीतिक भविष्य को बनाने की जुगत में लगे डॉक्टर अशोक कुमार ने अतिरिक्त कुमार को जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता दिलवा दिया। 2015 में रोसड़ा से विधानसभा चुनाव जीतने वाले डॉक्टर अशोक कुमार का रोसड़ा से मन उचट गया। 2020 में कुशेश्वरस्थान से एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरे जहां जदयू के शशि भूषण हजारी से पराजित हुए। वहीं समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने तीन बार डॉक्टर अशोक कुमार को उम्मीदवार बनाया उन्हें तीनों बार हार का सामना करना पड़ा। 2024 के संसदीय चुनाव में कांग्रेस ने सनी हजारी पर भरोसा जताया। कम समय मिलने के बावजूद सनी हजारी ने लोजपा के सांभवी को कड़ी टक्कर दी। सनी हजारी की समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता से उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। कुशेश्वरस्थान या रोसड़ा से सनी हजारी को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। ऐसे में डॉ अशोक कुमार आगामी विधानसभा चुनाव में कुशेश्वरस्थान या रोसरा से टिकट को लेकर आशंकित थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी राजेश राम को मिलने से कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रहे डॉक्टर अशोक कुमार की निराशा बढ़ गई। रोसरा में राजनीतिक जमीन फिसलने तथा कुशेश्वरस्थान में लगातार मिली हार से डॉ अशोक कुमार की स्थिति पार्टी में कमजोर हो गई। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड में पहले से शामिल बेटे अतिरेक कुमार को चुनावी समर में खुलकर सहयोग करने के लिए डॉ अशोक कुमार जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता ग्रहण कर लिए। अब देखना होगा कि बेटे के राजनीतिक भविष्य को बनाने के लिए उम्र के इस पड़ाव पर राजनीतिक विचारधारा को दांव पर लगाने वाले डॉक्टर अशोक कुमार को जनता कितना तवज्जो देती है।

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